शनिवार, 10 दिसंबर 2016

डिस्क्लेमर



लेखन में व्यक्त विचार
नागरिक के भीतर बसे
लेखक के अपने विचार हैं
लेखक की नागरिकता से
राज्य की नीतिगत मर्यादा से
रचनाएं पूर्णरूपेण स्वतन्त्र हैं
लिखने के लिए नागरिक
दोषी नहीं माना जायेगा
प्रत्येक विवाद के लिए
भाषा और विचार ही
ज़िम्मेदार माने जाएँगे।
किसी भी दशा में नागरिक
लिखने के कारण
राजकीय समर्पण के लिये
विवश या बाध्य नहीं है।

शशिभूषण

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