रविवार, 10 अगस्त 2014

अरुणाचल प्रदेश

सुना है दुनिया का सबसे स्वावलंबी देश चीन 
भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपने नक्शे में दिखाता है

मैंने चीन का वह नक्शा नहीं देखा 
जिन्होंने चीन का वह नक्शा देखा है
क्या अरुणाचल प्रदेश से मिलने आयेंगे?

हर हाल में चीन का वह नक्शा देखना चाहिए
भारत को अरुणाचल प्रदेश की सुध लेनी थी
मुझ जैसों से बदलनेवाली सरकारें नहीं कहेगी
सबसे अच्छे दोस्तों को कहना था
धरती की सुंदरतम ऊँचाई से देश को मुँह फेर रहना है
चले आओ अब अरुणाचल प्रदेश पर ताकतवर बुरी नज़र है
नौकरी का क्या है उसके बिना भी लोग भारत में जीते ही हैं

भारतवासी जिन्हें नक्शे की समझ है
अरुणाचल प्रदेश में रहते या मिलकर साबित कर पाते
चीन के नक्शे में जो अरुणाचल प्रदेश है उसमें भारत है
चावल, गाय, मिथुन, कस्तूरी मृग, बाँस, बारिश
और चाँद सूरज पूजनेवाले लोग हिंदी हैं
दिल्ली में धक्के खाता भारत अरुणाचल प्रदेश से दूर हुआ
क्या इसी से अरुणाचल प्रदेश चीन के लायक हो जायेगा?

यह चीन को एक सबक होता
जितना मैं और आप चीन को जानते हैं
वह यह शर्म बर्दाश्त नहीं कर पाता
कि केवल सेना ही अखिल भारतीय नहीं होती

जहाँ तक मेरी भूमिका है
मैं अरुणाचल प्रदेश में जीता हूँ
चीन के बारे में खाली सुनता हूँ
भारत से सदियों, चीन से कोसों दूर 
जब यहाँ सवेरा होता है
तब पूरा भारत सोता है

कुछ भारतीय अरुणाचल प्रदेश के लिए फौज को चीन से लड़ाने की सोचते हैं
कुछ भारतीय अरुणाचल प्रदेश को विकास के लिए चीन को दे देने की सोचते हैं
दोनो तरह के लोग कभी अरुणाचल प्रदेश नहीं आयेंगे
चीन से बुलावा आ जाये तो घर बार बेंचकर भारत से चले जायेंगे।

मैं माफी मांगता हूँ
भारत को दुआ देता हूँ
पुरखों का पुन्न है, बच्चों की किस्मत
रोज़ी अरुणाचल प्रदेश ले आई