शनिवार, 10 दिसंबर 2016

बागो में बहार है?

रवीश कुमार जी,
काफ़ी समय हुआ लगातार की गाली-गलौज से तंग आकर आप सोशल मीडिया से निकल गये थे। तब लगा था आपने तय किया है तो ठीक ही किया होगा। आपको काम करना था। आपके पास टीवी था, ब्लॉग था। यहाँ ट्रोल करनेवाला कोई भी सामने से नहीं आ सकता।

लेकिन अब सरकार आपके और हम सबके टीवी के दरवाज़े तक आ गयी है। सब गाली देनेवाले एक आदेश के पीछे छुपकर निशाना साध रहे हैं; हँस रहे हैं। हो सकता है सरकार की शाखा प्रशाखा बहुत जल्द घेरा भी बना लें। आप डरते नहीं हैं। लेकिन चले जाते हैं इस बात से वे निडर हो सकते हैं।

संभव है कल को पुलिस भी टीवी से होती हुई घर तक आ जाये। पुलिस की जान ही कितनी! तब वे लोग ज़रूर पत्थर लेकर आएंगे। आज उन लोगों का सेलिब्रेशन जता रहा है कि आप और आपका टीवी उनकी आँख की किरकिरी हैं।

सच है कि आप अकेले एनडीटीवी नहीं है। एक एनडीटीवी हार भी गया तो दूसरा एनडीटीवी पैदा होगा। इन्डियन एक्सप्रेस के पचास साला जांबाज़ संपादक ने ऐन प्रधानमंत्री जी के सामने साफ़ किया या नहीं। कई लोग होंगे जिनके साथ और जिनके कारण आप हमारे सामने लगभग सबसे प्रमुख चेहरे की तरह दिखते हैं। निर्भीक और आज़ाद।

शायद आपने इस आगत का अनुमान भी कर ही लिया था। आप खूब जानते थे कि चुप करानेवाले टीवी तक भी आएंगे। गवाह हैं आपके दो कार्यक्रम। एक कन्नड़ लेखक एम् एम् कलबुर्गी को श्रद्धांजलि और दूसरा अँधेरे की शक्ल दिखाता प्राइम टाइम। वह अँधेरे का प्राइम टाइम। आपातकाल की आहट जैसा।

लेकिन बात अब हम जैसों के द्वारा बैन का विरोध करने या एनडीटीवी का समर्थन करने से आगे निकल गयी है। मन में बड़ा द्वंद्व है कि इस मुश्किल के उस पार क्या है? हालाँकि उम्मीद भी है कि सच और सवाल के वाहक कभी ख़त्म नहीं किये जा सकते। बागों में बहार न आने की गुंजाईश हो तब भी।

सुनने की कोशिश कर रहा हूँ तो बहुत सी भरोसेमंद और विवेकपूर्ण आवाज़ें दिख भी रही हैं। एनडीटीवी को अदालत जाना चाहिए। इसके अलावा कोई उपाय नहीं है। लेकिन मन में संदेह उठता है एनडीटीवी अदालत तक जा सकता है? जायेगा?? एनडीटीवी अदालत तक जा सकता है? जायेगा??

क्या आप अपनी आवाज़ में हमें यह बताकर आश्वस्त कर सकते हैं कि एनडीटीवी न केवल सही था, वह खुद को सही साबित भी कर सकता है।

मेंरी नज़र में तो पिछले 12-15 साल जो एनडीटीवी हिंदी के सामने गुज़रे काफ़ी विश्वसनीय रहे और कभी भी छले जाने का एहसास नहीं हुआ। यह कहने की ज़रूरत नहीं कि मैं एनडीटीवी के साथ हूँ।

सबसे अच्छी खबर की तरह बैन वापसी के समाचार का इंतज़ार कर रहा हूँ।

आपका ही
एक दर्शक

शशिभूषण

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