शनिवार, 10 दिसंबर 2016

डरना नहीं चाहिए

कुछ लोग आपको वामपंथी कहना चाहते हैं। अम्बेडकरवादी- कम्युनिस्ट कहना चाहते हैं। नक्सली कहना चाहते हैं। देशद्रोही कहना चाहते हैं।

कुछ लोगों के दिल में हरिओम, राधे राधे, जय श्रीकृष्णा, जय श्री राम कूट कूटकर भरा है लेकिन वे आपसे लाल सलाम- जय भीम करना चाहते हैं।

कुछ लोग राष्ट्रवाद को समझते हैं कि ये उनके कम पढ़े लिखे किन्हीं नेताओं का निक नेम है। वे आपसे असहमत होने पर राष्ट्रवाद राष्ट्रवाद कहकर अपने उन्ही नेताओं का आवाहन करना चाहते हैं।

कुछ लोग समझते हैं कि देश में राजनीति के सिवा कोई विषय नहीं। वे हर हाल में राजनीति का हुआ हुआ, भौं भौं, किट किट करना चाहते हैं। यदि आप कहें कि कोई सार्वजनिक झूठ सुनने के बाद से आपके सिर में दर्द है तो वे आपको राजनीतिक राजनीतिक कहकर सर में मारना चाहते हैं।

कुछ लोगों को लगता है कि एक महादेश जो भारत के नाम से दुनिया में महान देश की तरह विख्यात है किन्हीं लोगों के पास कुछ दशकों से गिरवी था जिसे उनके बप्पा ने अपनी खून पसीने की कमाई में अम्मा के गहने बेंचने से मिले पैसे मिलाकर हाल ही में न केवल छुड़ाया है बल्कि भविष्य के लिए ख़रीद भी लिया है। अब समझ सकते हैं कि वे ऐसी क्रीत दासी भूमि पर आपको कहाँ धकेलना चाहते हैं!!! वे आपको अपनी देशभक्ति के ज़हरीले धुएं से रुला देना चाहते हैं।

कुछ लोग भारत माता के इतने सगे निकल आये हैं कि वे आपको उसकी गोद से बेदखल कर पाकिस्तान के बंजर में फिंकवा देना चाहते हैं।

कुछ लोग जो मुट्ठीभर ही हैं आपको निरा अकेला कर पीछे लग जी भर सताना चाहते हैं। वे आप पर ऐसी पहचान थोप देना चाहते हैं जो जुर्म समझा जाये।

कुछ लोग आपको साफ़ तौर पर चुप करा देना चाहते हैं। भारत को हमेशा के लिए अंधा और बहरा बना देना चाहते हैं। इसकी विविधता और ग्रहणशील समावेशी प्रकृति को नष्ट कर देना चाहते हैं।

कुछ लोग सब जानते हैं सिवा इसके कि भारत में उनके जैसे कुछ लोग हमेशा रहे हैं लेकिन इस अदभुत देश में कुछ तो बात रही है कि हस्ती नहीं मिटायी जा सकी।

सब पर नज़र रखनेवाले कुछ लोग कैसे भी अय्यार हों, कितने भी बहादुर हों, कैसी भी बही का कंबल ओढ़कर आयें खूब दिखाई पड़ रहे हैं।

इनसे डरना नहीं चाहिए। ये अपने मुनाफाखोर मालिकों के जबड़े के नीचे अपने बाल बच्चों घर परिवार के लिए स्वयं डरे हुए लोग हैं।

शशिभूषण

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