बॉस किसी एक का होकर नहीं रहता। वह नहीं जानता वफ़ा क्या है? चमचा नहीं जानता उसने वफ़ा के सिवा क्या किया?
बॉस की नज़र में चाटुकार का भविष्य नहीं अपना करियर होता है। चमचे की निगाह में बॉस ही विधि-विधान होता है।
बॉस अपने आराम के लिए चाटुकार को पसंद करता है। चमचा जाल में ख़ुद फंसता है।
बॉस डराना, लड़ाना और पटाना जानता है। चमचा समझता है बॉस एक दिन कुछ भी कर सकता है।
बॉस को चुगली पसंद होती है लेकिन वह अपनी चुगली से चिढ़ता है। चमचा दूसरों के द्वारा की गयी बॉस की तारीफ़ पर कुढ़ता है।
बॉस जानता है चाटुकार पीठ पीछे घोर निंदक होता है। वह सबसे अधिक चमचे की जासूसी करता है। चमचा केवल बॉस की जुराबें सूंघता है।
बॉस विरोधी कर्मचारी की निंदा सुनना चाहता है लेकिन निंदक पर शक भी करता है। चमचा प्रतियोगी को ठिकाने लगाना चाहता है और बॉस पर संदेह करता है।
बॉस दुश्मनी के बावजूद उन कर्मचारियों को अहम काम सौंपता है जो ईमानदार होते हैं। चमचा खुश होता है कि पिंड छूटा। अब ग़ैर ग़लती करें और भुगतें।
बॉस को मसखरी अच्छी लगती है लेकिन वह चमचों को अपने राज़ नहीं बताता। वह अश्लील चुटकुले सुनता है। चमचा उसे व्रत त्यौहार का महत्त्व भी बताता है।
बॉस समझता है स्टाफ़ के बीच घुसपैठिये चमचे अंत अंत तक नुकसान पहुंचा सकते हैं। चमचा जानता है अंत में बॉस काम नहीं आएगा।
बॉस होशियार कर्मचारियों से दूरी रखते हुए भी उनपर घृणा की नज़दीकी रखता है। बॉस अलोकप्रिय होता है और चमचा मिलनसार।
बॉस अपने चमचों को विरोधियों से अधिक पेरता, निचोड़ता और कूटता है। चमचा संतोष में होता है कि चलो इसी बहाने सीख रहे।
बॉस जानता है मेरा भी बॉस हैं और फाइनली कोई किसी का बॉस नहीं होता। सब नौकर हैं। चमचा भी यह मानता है।
बॉस अगर भ्रष्ट हो तो अंत में अपने सब कुकर्म चमचों पर थोपकर चंपत हो जाता है।
बॉस आमतौर पर लंपट होता है। वह कैरेक्टर फुल लेडी से दूर रहता है। लेकिन मौक़ा आने पर चमचे के घर की इज्ज़त पर भी हाथ डालता है।
बॉस को बोल्ड और बिंदास लेडी अच्छी लगती हैं। वह उन्हें फ़िगर और ड्रेस के लिए एप्रिशिएट करता है। वहीँ चमचों की वफ़ादारी का डंका पीटता है।
बॉस हार्ड वर्कर होता है। चमचा डबल वर्कर होता है। दोनों मिलकर संस्था को फूहड़ और कामचोर बना देते हैं।
बॉस अगर चोर हो तो सबसे अहम चोरी चमचे के हाथों करवाता है। सबूत नष्ट करने में बॉस केवल खुद को रखता है।
बॉस अगर क्रोध में आये तो अपने विरोधियों को डराने के लिए भी अपने चमचे को ही दौड़ाता और पीटता है।
बॉस विजिट बहुत करता है। चमचा बॉस को कंपनी देता है।
बॉस लंबी मीटिंग बहुत लेता है। फंस न जाने के लिए सबको आगाह करता रहता है। वह मिसाल के तौर पर कभी कभी अपने चमचे को ही फंसाकर उसे बचा लेता है।
बॉस जानता है उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। चमचा बताता है बॉस का सब बिगड़ा हुआ ही है। इसी रस्साकसी में कभी कभी बॉस का सबकुछ बिगड़ जाता है।
बॉस जब जेल जाता है तो उसके बीवी बच्चे बहुत रोते हैं। लेकिन चमचा बहुत खुश होता है। बॉस के फंस जाने की ख़बर ज़माने भर में चमचों से ही फैलती है
बॉस खाता तो चमचे के साथ है, हँसता ब्रोकर के साथ है, खेलता अपने बॉस के साथ है, सोता प्रेमिका के साथ है। लेकिन बॉस रोता हमेशा बीवी के सामने है। चमचा बॉस का यह अंजाम जानता है।
बॉस अपनी भाषा हमेशा अच्छी रखता है, खुद को सम्मोहन और परामर्श का अधिकारी मानता है। लेकिन चमचे का व्याकरण और ड्राफ्टिंग बॉस से भी अच्छे होते हैं।
बॉस फॉर एवर रोमेंटिक होता है। उसे गर्ल फ्रेंड्स की कमी नहीं होती। शादीशुदा तो उससे मिलते ही दिल दे बैठती हैं। चमचा इस सबको बड़ी झंझट मानता है।
चाटुकार अकाल मौत तब मारा जाता है जब वह बॉस के लव पर डोरे डालता है या बॉस की बीवी के भी काम ठीक से नहीं कर पाता।
बॉस और चमचे का संग जनम जनम का होता है। चमचा अगर सफल हो तो बॉस बनता है और असफल हो तो चिरकुट का चिरकुट ट्रांसफर लेकर चला जाता है।
बॉस अंत में बहुत पछताता है।
चमचा अंत में खुद को मजबूर पाता है।
अंत में बॉस और चमचे बिछड़ जाते हैं। दोनों अपने अपने अच्छे दिनों को खूब याद करके लोगों को इंप्रेस करते हैं।
लेकिन बॉस और चमचे के रिश्ते कभी ख़त्म नहीं होते। वे अलग रूपों में अलग अलग जगह फलते फूलते रहते हैं।
इसलिए कृपया सोच समझकर चलें। बॉस और चमचों से बचकर रहें। अपने काम से काम रखें। किसी भी हालात में बाल बच्चों और रोज़ी से खिलवाड़ ठीक नहीं।
शशिभूषण, फेसबुक वाल से
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