शुक्रवार, 17 जून 2016

गाली

‘मेरे पास समय नहीं’
इसे गाली मान लेने का मन नहीं होगा
यदि इस बात को गाली मान लिया जाये
तो सबके साथ अशिष्टता होगी
जो रात-दिन काम करते हैं
किताबों में कवर नहीं चढा पाते
चाय का कप केवल खंगाल लेते हैं
चप्पल पहनते हैं
दाढ़ी रखते हैं
दवाई खाना भूल जाते हैं
आखिरी वक्त में
किसी को बुला रहे
या अस्पताल में जनम दे रही मां को
याद कर सकने वाला
‘मेरे पास समय नहीं’
को गाली कैसे मान सकता है?
जीवनभर ‘मेरे पास पैसे नहीं’ की हिंसा सह चुका तक
‘मेरे पास समय नहीं’ को गाली नहीं मान पायेगा
आप समरथ हैं
चाहे जितना कहिए
'मेरे पास समय नहीं'
हम यही मानेंगे
आपके पास समय नहीं है
तो ज़रूर कोई बड़ा काम होगा!

-शशिभूषण

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