नरेन्द्र दामोदर दास मोदी
इसके ऊपर से उड़कर संसद पहुंचे
लोग इसमें बैठकर अपनी अपनी जगह पहुँचते हैं
मोदी जी प्रधानमंत्री हैं
बैठनेवाले भारतवासी हैं
यह ट्रेन लोहे की बनी है
ज़िंदगियां लेकर चलती है
लोहे की नहीं होती
तो साबरमती एक्सप्रेस
सावित्रीबाई होती
देश पढ़ाती
सीता होती
धरती में
समा जाती
अयोध्या नहीं जाती
-शशिभूषण
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (19-08-2016) को "शब्द उद्दण्ड हो गए" (चर्चा अंक-2439) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'