वे बहुत गुस्से में थे।
स्कूल में नहीं पढ़ाये जाने और अत्यधिक होमवर्क दिए जाने से तंग थे।
मैंने कहा "बेटी के कक्षाध्यापक और प्राचार्य का नाम बताएं तो कुछ किया जाये।"
वे बोले "मैं घर पहुंचकर वाट्सअप पर दोनों के फ़ोटो भेजता हूँ आप जरुर कुछ कीजिए।"
"अभी बता देते तो मैं नोट कर लेता मेरे पास स्मार्टफोन नहीं है।"
"कोई बात नहीं मैं कॉल करूँगा।" उन्होंने कहा।
मैं उन्हें तेज़ी से जाते देखता रहा।
मुझे बाय का जवाब ढंग से नहीं आता।
-शशिभूषण
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