झूठ विद्या है
जिसमें नहीं विद्या
वह दीन निर्बल वध्य
विद्या हो जिसमें
हार जीत उसकी विद्या
ईश्वर विद्या है
धर्म विद्या
राम हिंदू की विद्या
अल्लाह मुसलमान की
नरक उस ब्राह्मण की विद्या है
जो अपने लिए कमाता है सवर्ग
दमन राज्य की विद्या
आतंकवाद सत्ताकामी की
धन पद प्रभुता
देश शासन राजभवन विद्या हैं
विधान न्याय दंड भक्ति द्रोह कारागार
जय पराजय और बहुमत विद्या
संस्कार विद्या सम्मान विद्या
सौर से शमशान तक सर्वत्र विद्या
विद्या झूठ है
भ्रम मुक्ति का
यथार्थ है मनुष्यता।
- शशिभूषण
जिसमें नहीं विद्या
वह दीन निर्बल वध्य
विद्या हो जिसमें
हार जीत उसकी विद्या
ईश्वर विद्या है
धर्म विद्या
राम हिंदू की विद्या
अल्लाह मुसलमान की
नरक उस ब्राह्मण की विद्या है
जो अपने लिए कमाता है सवर्ग
दमन राज्य की विद्या
आतंकवाद सत्ताकामी की
धन पद प्रभुता
देश शासन राजभवन विद्या हैं
विधान न्याय दंड भक्ति द्रोह कारागार
जय पराजय और बहुमत विद्या
संस्कार विद्या सम्मान विद्या
सौर से शमशान तक सर्वत्र विद्या
विद्या झूठ है
भ्रम मुक्ति का
यथार्थ है मनुष्यता।
- शशिभूषण
प्रस्तुत रचना बहुत सुंदर है।
जवाब देंहटाएंप्रस्तुत रचना बहुत सुंदर है।
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