इस बार सीबीएसई 12 वीं का पास प्रतिशत 82 है। पिछले साल 82.7 प्रतिशत था।
इस कमी का सीधा कारण जो मेरी समझ में आता है वह यह कि इस साल सीबीएसई बोर्ड ने हर परीक्षा केन्द्र पर पर्यवेक्षक भेजे। 3 घंटे के पर्यवेक्षक।
यह इतनी मुस्तैदी से हुआ कि दूरदराज स्थित जिन विद्यालयों में बिजली पानी नहीं पहुँच पाता वहां पर्यवेक्षक पहुंचे। मैं इस बात के लिये बोर्ड को बधाई देता हूँ।
मेरी राय में सीबीएसई बोर्ड, परीक्षाओं में और ध्यान देकर थोड़ी घटत के साथ भी ईमानदार पालकों, शिक्षकों और शैक्षिक मनुष्यों, नागरिकों का दिल जीत सकता है।
मैं उन शिक्षकों का कभी सगा न हो पाया जिनके ट्यूशन के बच्चे सब पास हो जाते हैं लेकिन विद्यालयों के सब पास नहीं हो पाते। बीमे और बैंक लोन की ई एम आई के लिए भी ट्यूशन पढ़ाना सही नहीं। जो शिक्षक साथी परीक्षा हॉल में घुसकर किताबों के साथ ब्लैक बोर्ड पर नक़ल करा देते हैं उनके लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं। मुझे इन शिक्षकों से शहर के गुंडों से ज़्यादा डर लगता है। मेरे मित्र मज़ाक करते हैं तुम्हारी यदि कभी पिटाई हुई तो मार्च के महीने में इन्हीं गुरुओं के हाथों संपन्न होगी।
पूरे भारत की टॉपर एम गायत्री को इस बात के लिए विशेष बधाई कि वे ट्यूशन पढ़ने नहीं गयीं। सारा श्रेय अपने शिक्षको को देनेवाली यह छात्रा न केवल गर्व के लायक है बल्कि इस वक्त में बड़ी खुशनसीब है।
मैं उम्मीद करता हूँ कि सीबीएसई बोर्ड और सख्ती एवं तत्परता के साथ अगले साल थोड़े कम पर्सेंट के साथ ही अधिक विश्वसनीयता हासिल करेगा।
मेरी राय में सीबीएसई के प्रति थोड़े अधिक भरोसे और सम्मान का साल है यह। मुझ जैसों के विचार से जब तक नक़ल होती है किसी इम्तहान में किसी मेरिट का कोई अर्थ नहीं।
जिन विद्यालयों में ख़राब परीक्षा परिणाम आया है उनके अफसर उम्मीद है ठोस रणनीति बनाएंगे। चाहे जो कीजिए मगर रिजल्ट बढ़िया दीजिए की नीति हानिकारक एवं आपराधिक होती है। शिक्षकों को नक़ल कराने के लिए विवश कर देना हत्याएं करवाने के सामान है।
एम गायत्री की सफलता के बहुत मायने हैं। भारत में जो जानेगा अपने अपने विवेक से खुश होगा। खुश होना भी चाहिए।
उन सब मित्रों को बधाई जिनके घर अच्छे परीक्षा परिणाम आये हैं।
बी अर्जुन, केवि पट्टम, तिरुअनंतपुरम (द्वितीय स्थान) को विशेष बधाई। केन्द्रीय विद्यालय संगठन का परीक्षा परिणाम पिछले वर्षों से कम आया है इस सच के साथ बी अर्जुन का योगदान उम्मीद और गर्व के लायक है।
अपने विद्यार्थी तो हर हाल में अपने हैं। उनकी हर बात में हम पूरे साथ हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें