tag:blogger.com,1999:blog-2045573955105854407.post680042946076402275..comments2023-09-24T21:35:51.274+05:30Comments on हमारी आवाज़: प्रभु जोशी: अपनी ही किस्म का एक अकेला कथाकारशशिभूषणhttp://www.blogger.com/profile/15611262078016168965noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-2045573955105854407.post-44232708509807128292021-06-14T13:41:27.568+05:302021-06-14T13:41:27.568+05:30प्रभु दा से मिलना ... पूरी संस्कृति से मिलना होता ...प्रभु दा से मिलना ... पूरी संस्कृति से मिलना होता था...<br />कुछदिन पहले ही उनसे लंबी बात हुई थी...<br />किसे पता था..कि अब कभी मिलना नहीं हो पाएगा..<br />हे प्रुभु हमारे प्रभु का ख्याल रखना बहुत नाजूक हैं यह...<br /><br />नमन<br />rajeev rawathttps://www.blogger.com/profile/04828599673001127161noreply@blogger.com