बुधवार, 4 जनवरी 2017

कुछ हालिया सीख


1. पापा और मम्मा, जो भी सुन रहे हैं प्लीज ध्यान दीजिए। बाहर कोई आये हैं। गेट पर खड़े हैं।

क्या हुआ?

अपनी छत पर पतंग आ पड़ी है। निकाल कर दे दीजिए।

समय नहीं है। बाद में देंगे।

दे दीजिए न, आप लोग भले काम करिए वरना लोग नहीं मानेंगे आप दोनों टीचर हैं।

अच्छा? तुम दे दो। स्टूडेंट को भी भलाई करनी चाहिए।

आप लोग को अच्छे से पता है तो याद भी कर लीजिए न मुझे छत का गेट खोलना नहीं आता।


2. पापा, समझदारी से काम लीजिये अब

क्या हुआ?

आपने चश्मा लगा रखा है, लगा रखा है कि नहीं? पावर वाला!

लगा तो रखा है

आपने मोबाईल पर भी हमेशा की तरह आँख गड़ा रखी है तो क्या होगा? सोचिये

क्या होगा?

सवाल से कुछ नहीं होगा

फिर कैसे होगा?

ऐसे होगा कि आप जहाँ समझदारी छोड़कर आ गए हैं वहां से ले आइये

ओह ये बात है

मुश्किल बात नहीं है पापा आप समझ नहीं रहे हैं


3. दिवि आप सयानी हो चुकी हैं

मैं बच्ची हूँ अभी। पांच साल की

सिखाती तो अम्मा की तरह हैं

आप लोग काम ही ऐसे करते हैं

अच्छा ?

हाँ और एक बात और है

क्या ?

सिखा कोई भी सकता है बस पता होना चाहिए।


4. पापा, लीजिए रोल बनाईए

देख रही हो मैं पढ़ाई कर रहा हूँ

एक्टिविटी भी अच्छी होती है

अभी पढाई अधिक ज़रूरी है दिवि

ठीक है फिर सीख न पायें तो मुझे मत कहना

क्या कर रहे हो तुम लोग? दिवि कहां हो?

दिवि प्रो यशपाल कमेटी से आगे निकल गयी हैं

मम्मा मैं यहीं हूँ

000

इस वक़्त दिवि ट्रेन में ऊपर की बर्थ पर सो रही हैं। सुबह जागने पर जब उन्हें सुनाया जायेगा तो वे मोबाईल छीनकर पढ़ना चाहेंगी।

पढ़ने के बाद कह सकती हैं। अच्छा है लेकिन पापा आप अधिक कहानी मत बनाया कीजिये।

हो सकता है मैं कहूँ

अच्छा जी!!!

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