शुक्रवार, 24 जून 2016

शुक्रिया सीबीएसई

सीबीएसई के वर्ष 2016 का 12वीं का परीक्षा परिणाम विगत 21 मई को घोषित हुआ।

यद्यपि मेरे विषय (हिंदी, केन्द्रिक) का परीक्षा परिणाम सौ प्रतिशत और 70 PI के साथ अच्छा कहा जा सकने लायक रहा फिर भी मुझे बड़ा धक्का लगा था।

कारण था अजय वर्मा को मिले केवल 81 अंक।

पूरे सत्र अजय का जो प्रदर्शन रहा था मैंने उससे उम्मीद पाल ली थी कि 0.1 प्रतिशत मेरिट यानी सब्जेक्ट टॉपर विद्यार्थियों की सूची में उसे ज़रूर जगह मिलेगी।

81 अंक देखकर मैं अजय से अधिक दुःखी हुआ। अजय मुझसे कई गुना आहत था। हम दोनों ने तय किया कि पहले कॉपी निकलवाकर देखेंगे। फिर तय करेंगे क्या करना है।

जब कॉपी की छायाप्रति मिली तो जैसा कि अनुमान था ग़लत मूल्याङ्कन हुआ था। विद्यार्थी की मनोदशा के मद्देनज़र देखें तो आपराधिक। सही उत्तर पर भी 0 अंक दिया गया था। अधिकांश उत्तरों पर औसत अंक।

पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया गया। आज अजय ने नतीज़ा भेजा तो पहले के 81 अंक की जगह 89 अंक हो गए हैं।

संतुष्टि तो अब भी नहीं है फिर भी शुक्रिया सीबीएसई कि एक विद्यार्थी और शिक्षक को खुद को सही साबित करने का एक अवसर दिया। कहने की ज़रूरत नहीं कि मैं अपने उस प्रथम मूल्यांकनकर्ता शिक्षक के लिये शर्मिंदा हूँ।

अब मैं इत्मिनान से अपने सभी विद्यार्थियों को बधाई दे सकता हूँ। विशेष रूप से अभिज्ञा खीची को जिसने 95 अंक लाये और ऋतिक को जिसने सभी आशंकाओं को निर्मूल कर पास होकर दिखाया।

के.वि. शाजापुर के सभी बच्चों को हार्दिक बधाई। सबने मिलकर अपना, परिजनों, शिक्षकों और विद्यालय का मान बढ़ाया।

अपने अब तक के छोटे से शिक्षकीय जीवन में मैं सबसे अधिक भरोसा अपने बच्चों पर करता रहा हूँ। बुरे से बुरे दिनों में मेरे बच्चों ने मुझे सही साबित किया।

बहुत खुश हूँ। खुश होने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था।

-शशिभूषण

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