सोमवार, 21 मार्च 2016

मोची



शिक्षक के बारे में
चली आईं उपमा
ज्ञान की स्तुति रहीं

पुराना कोई विशेषण
कोई प्राचीन महात्म्य
अनुभव-निकट नहीं ठहरता

अब जो मैं शिक्षक हूँ
शिक्षा जगत में मोची हूँ

मेरा वही ईमान
उतना ही मान है

जब मैं शिक्षक के बहाने
खुद को मोची कहता हूँ
तो आपसे चाहता हूँ
जूतों के शोरूम के बारे में,
सरकार के बारे में नहीं
मोची के बारे में सोचें
समझना चाहें
शिक्षक किस तरह मोची है?

यदि आपको लगता है
शिक्षक मोची नहीं है
तो यह ज़रूर बताएँ
दूसरा कौन है?
जो जूते बनाने के बावजूद
जूते पहने पाँवों पर पड़ा हुआ है?
कभी कलम उठाये खड़ा हुआ है

-शशिभूषण